Shiv Puran 31 to 55
- अध्याय 31 – शिवपुराणअध्याय 31 देवताओं के अनुरोधसे वैष्णव ब्राह्मणके वेषमें शिवजीका हिमवान्के घर जाना और शिवकी निन्दा करके पार्वतीका विवाह उनके साथ न करनेको कहना ब्रह्माजी कहते हैं-नारद! मेनाContinue reading “अध्याय 31 – शिवपुराण”
- अध्याय 32 – 33 – शिवपुराणअध्याय 32 – 33 मेनाका कोपभवनमें प्रवेश, भगवान् शिवका हिमवान्के पास सप्तर्षियोंको भेजना तथा हिमवान्द्वारा उनका सत्कार, सप्तर्षियों तथा अरुन्धतीका और महर्षि वसिष्ठका मेना और हिमवान्को समझाकरContinue reading “अध्याय 32 – 33 – शिवपुराण”
- अध्याय 34 – 36 – शिवपुराणअध्याय 34 – 36 सप्तर्षियोंके समझाने तथा मेरु आदिके कहनेसे पत्नीसहित हिमवान्का शिवके साथ अपनी पुत्रीके विवाहका निश्चय करना तथा सप्तर्षियोंका शिवके पास जा उन्हें सब बातContinue reading “अध्याय 34 – 36 – शिवपुराण”
- अध्याय 37 – 38 – शिवपुराणअध्याय 37 – 38 हिमवान्का भगवान् शिवके पास लग्नपत्रिका भेजना, विवाहके लिये आवश्यक सामान जुटाना, मंगलाचारका आरम्भ करना, उनका निमन्त्रण पाकर पर्वतों और नदियोंका दिव्यरूपमें आना, पुरीकीContinue reading “अध्याय 37 – 38 – शिवपुराण”
- अध्याय 39 – शिवपुराणअध्याय 39 भगवान् शिवका नारदजीके द्वारा सब देवताओंको निमन्त्रण दिलाना, सबका आगमन तथा शिवका मंगलाचार एवं ग्रहपूजन आदि करके कैलाससे बाहर निकलना नारदजी बोले-विष्णुशिष्य महाप्राज्ञ तात विधात:Continue reading “अध्याय 39 – शिवपुराण”
- अध्याय 40 – शिवपुराणअध्याय 40 भगवान शिव का बारात लेकर हिमालय पूरी की ओर प्रस्थान ब्रह्माजी कहते हैं-मुने! तदनन्तर भगवान् शम्भुने नन्दी आदि सब गणोंको अपने साथ हिमाचलपुरीको चलनेकी प्रसन्नतापूर्वकContinue reading “अध्याय 40 – शिवपुराण”
- अध्याय 41 – 43 – शिवपुराणअध्याय 41 – 43 हिमवान्द्वारा शिवकी बारातकी अगवानी तथा सबका अभिनन्दन एवं वन्दन, मेनाका नारदजीको बुलाकर उनसे बारातियोंका परिचय पाना तथा शिव और उनके गणोंको देखकर भयसेContinue reading “अध्याय 41 – 43 – शिवपुराण”
- अध्याय 43 – शिवपुराणअध्याय 43 फ़र मेनाका विलाप, शिवके साथ कन्याका विवाह न करनेका हठ, देवताओं तथा श्रीविष्णुका उन्हें समझाना तथा उनका सुन्दर रूप धारण करनेपर ही शिवको कन्या देनेकाContinue reading “अध्याय 43 – शिवपुराण”
- अध्याय 44 – शिवपुराणअध्याय 44 मेनाका विलाप, शिवके साथ कन्याका विवाह न करनेका हठ, देवताओं तथा श्रीविष्णुका उन्हें समझाना तथा उनका सुन्दर रूप धारण करनेपर ही शिवको कन्या देनेका विचारContinue reading “अध्याय 44 – शिवपुराण”
- अध्याय 45 – शिवपुराणअध्याय 45 भगवान् शिवका अपने परम सुन्दर दिव्य रूपको प्रकट करना, मेनाकी प्रसन्नता और क्षमा-प्रार्थना तथा पुरवासिनी स्त्रियोंका शिवके रूपका दर्शन करके जन्म और जीवनको सफल माननाContinue reading “अध्याय 45 – शिवपुराण”
- अध्याय 46 – शिवपुराणअध्याय 46 मेना द्वारा द्वारपर भगवान् शिवका परिछन, उनके रूपको देखकर संतोषका अनुभव, अन्यान्य युवतियोंद्वारा वरकी प्रशंसा, पार्वतीका अम्बिका- पूजनके लिये बाहर निकलना तथा देवताओं और भगवान्Continue reading “अध्याय 46 – शिवपुराण”
- अध्याय 47 – शिवपुराणअध्याय 47 वरपक्षके आभूषणोंसे विभूषित शिवाकी नीराजना, कन्यादानके समय वरके साथ सब देवताओंका हिमाचलके घरके आँगनमें विराजना तथा वर-वधूके द्वारा एक-दूसरेका पूजन ब्रह्माजी कहते हैं-नारद! तदनन्तर गिरिश्रेष्ठContinue reading “अध्याय 47 – शिवपुराण”
- अध्याय 48 – शिवपुराणअध्याय 48 शिव-पार्वतीके विवाहका आरम्भ, हिमालयके द्वारा शिवके गोत्रके विषयमें प्रश्न होनेपर नारदजीके द्वारा उत्तर हिमालयका कन्यादान करके शिवको दहेज देना तथा शिवाका अभिषेक ब्रह्माजी कहते हैं-नारद!Continue reading “अध्याय 48 – शिवपुराण”
- अध्याय 49-51 – शिवपुराणअध्याय 49-51 शिवके विवाहका उपसंहार, उनके द्वारा दक्षिणा-वितरण, वर-वधूका कोहबर और वासभवनमें जाना, वहाँ स्त्रियोंका उनसे लोकाचारका पालन कराना, रतिकी प्रार्थनासे शिवद्वारा कामको जीवनदान एवं वर-प्रदान, वर-वधूकाContinue reading “अध्याय 49-51 – शिवपुराण”
- अध्याय 52 – शिवपुराणअध्याय 52 रातको परम सुन्दर सजे हुए वासगृहमें शयन करके प्रात:काल भगवान् शिवका जनवासेमें आगमन ब्रह्माजी कहते हैं-तात! तदनन्तर भाग्यवानोंमें श्रेष्ठ और चतुर गिरिराज हिमवान्ूने बारातियोंको भोजनContinue reading “अध्याय 52 – शिवपुराण”
- अध्याय 53 – शिवपुराणअध्याय 53 चतुर्थीकर्म, बारातका कई दिनों तक ठहरना, सप्तर्षियोंके समझानेसे हिमालयका बारातको विदा करनेके लिये राजी होना, मेनाका शिवको अपनी कन्या सौंपना तथा बारातका पुरीके बाहर जाकरContinue reading “अध्याय 53 – शिवपुराण”
- अध्याय 54 – शिवपुराणअध्याय 54 मेनाकी इच्छाके अनुसार एक ब्राह्मण-पत्नीका पार्वतीको पतिव्रतधर्मका उपदेश देना ब्रह्माजी कहते हैं-नारद ! तदनन्तर सप्तर्षियोंने हिमालयसे कहा-‘गिरिराज ! अब आप अपनी पुत्री पार्वतीदेवीकी यात्राका उचितContinue reading “अध्याय 54 – शिवपुराण”
- अध्याय 55 – शिवपुराणअध्याय 55 शिव-पार्वती तथा उनकी बारात की विदाई, भगवान् शिव का समस्त देवताओंको विदा करके कैलासपर रहना और पार्वतीखण्डके श्रवणकी महिमा ब्रह्माजी कहते हैं-नारद! ब्राह्मणीने देवी पार्वतीकोContinue reading “अध्याय 55 – शिवपुराण”
- Shiv Puranaशिव पुराण 1- शिव पुराण 1 To 302- शिव पुराण 31To 553- शिव पुराण कुमार खण्ड4- शिव पुराण युद्ध खण्ड5- शिव पुराण विधेश्वर खण्ड6- शिव पुराण उत्तराContinue reading “Shiv Purana”
शिव पुराण
1- शिव पुराण 1 To 30
2- शिव पुराण 31To 55
3- शिव पुराण कुमार खण्ड
4- शिव पुराण युद्ध खण्ड
5- शिव पुराण विधेश्वर खण्ड
6- शिव पुराण उत्तरा खण्ड
7- लिंग पुराण -1
8- लिंग पुराण -2
9- दुर्गा सप्तशती सम्पूर्ण
10- भगवद् गीता सम्पूर्ण अध्याय
11- गरूड पुराण 1
12- गरूड पुराण -2
13- अग्नि पुराण
SadhGuru
SHIV LING Mantra
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